WHAT IS TRANSFORMER ट्रांसफार्मर
क्या है
ट्रांसफार्मर
क्या है
चाहे वह शहर में रहता हो या फिर गॉव में। यह नाम तो हर कोई जनता है बेसक वह
इसको बिजली को घटने या बढ़ाने वाले यन्त्र के नाम । से जनता हो। ट्रांसफार्मर के अविष्कार ने इलेक्ट्रॉनिक्स की दुनिया ही बदल कर रख दी है। तो आइये
जानते है ट्रांसफॉमर के
बारे में
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत –
ट्रांसफार्मर ही एक ऐसा डिवाइस है को करंट को बिना
किसी फ़िज़िकल एटेचमेंट के एक स्थान से
दूसरे स्थान तक भेजने का काम करता है। और इसके आलावा करंट को कम या ज्यादा करने
में अहम भूमिका निभाता है
जैसा की मैंने आपको अपनी पिछली पोस्ट में आपको ट्रांस्फ़ोर्मर के बारे में बताया था।की amplifier ट्रांसफार्मर केसे बनाते है ।
मै आपको
ज्यादा किताबी भाषा का इस्तेमाल न करके सीधे सादे शब्दों में बताने की कोसिस
करूँगा ताकि आपको आसानी से समझ में आये।
ट्रांसफार्मर म्यूचयल इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है।
मान लीजिये एक ट्रांसफार्मर है जिसमे चार तार है दो तार एक तरफ और दो तार दूसरी तरफ
आप एक तरफ से 240v AC वोल्ट देते है और दूसरी तरफ से आपको 50v AC वोल्ट मिलते है। आखिर यह होता कैसे है।
जबकि ट्रांसफार्मर में तार और लोहे के कोर के अलावा कुछ नहीं होता। फिर यह
कैसे करंट को कम कर देता है। यही तो खासियत होती है ट्रांसफार्मर में।
क्वाइल में दो तरह के गुण होते है।
पहला →
की जब उसमे Ac करंट दी जाती है तो
उसके चारो तरफ एक मैगनेटिक फील्ड या चुंबकीय क्षेत्र बन जाता है जिसको Electromotive Force कहते है।
दूसरा →
जब किसी क्वाइल को magnetic field में लाया जाता है तो क्वाइल के इलेक्ट्रॉन्स मूव करने लगते है जिसके वजह
से क्वाइल के सिरो से ac करंट बहने लगता है।
क्वाइल के इसी
गुण का इस्तेमाल छोटे से लेकर बड़े ट्रांसफार्मर बनाने के लिए होता है।
आशा है की
आपको समझ में आ गया होगा। आप चाहे तो एक प्रयोग आप कर के देख सकते है।
किसी प्रकार के इन्सुलेटेड तार को किसी भी आधार या पेंसिल पर लपेट दे और उसके दोनों सिरो पर इंसुलेशन हटाकर एक छोटी LED (कम वाल्ट ) जोड़ दे , अब चुम्बक को क्वाइल के ऊपर आगे पीछे हिलाये तो एलईडी
प्राधिरोध या रेजिस्टेंस क्या है :
ट्रांसफार्मर
ट्रांसफार्मर में तो कम से कम दो क्वाइल का इस्तेमाल किया जाता है जिनको
वाइंडिंग कहते है।
ट्रांसफार्मर में जिस वाइंडिंग पर करंट देते है उसको प्राइमरी वाइंडिंग कहते
है
और जिससे करंट प्राप्त किया जाता है उसको सेकंडरी वाइंडिंग कहते है।
ट्रांसफार्मर कितने प्रकार के होते है
स्टेप डाउन ट्रांसफार्मर
इस प्रकार के Step-Down
Transformer का इस्तेमाल ज्यादा वोल्ट को कम करने
के लिए होता है।
जैसे : →power house Transformer, Laptop Charger Transformer, Mobile Phone Charger
Transformer ect.
स्टेप अप ट्रांसफार्मर
कम वोल्ट को
बढ़ाने के लिए Step-up Transformer का इस्तेमाल होता है।
जैसे → Inverter Transformer, Ups Transformer, Stabilizer Transformer
etc.
ऑटो ट्रांसफार्मर
इस प्रकार के ट्रांसफार्मर का इस्तेमाल आवश्यकता के अनुसार
अपने आप कम वोल्ट को ज्यादा या ज्यादा वोल्ट को कम करने के लिए होता है जैसे →
Crt Monitor EHT, Ups, Inverter, Auto Transformer ect
Crt Monitor EHT, Ups, Inverter, Auto Transformer ect
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Thank you,....फ्रेंड्स
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