Thursday, 2 April 2020

AC को DC में बदलकर उसे फिल्टर कैसे किया जाता है

           
             AC को DC में बदलकर उसे फिल्टर कैसे किया जाता है



आपने हमारे पिछले पोस्ट में पढ़ा था कि ट्रांसफार्मर क्या है और ये कैसे काम करता है?” और आज मैं आपको बताने जा रहा हूँ कि जब हम इस transformer के primary coil पर supply दे देते हैं तब उससे जो कम volt के AC निकलते हैं उसे DC में कैसे convert किया जाता है? और फिर उसे filter कर शुद्ध DC में कैसे बदला जाता है? तो दोस्तों, पूरी जानकारी पाने के लिए हमारे इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।

? हमारे इस पोस्ट में ख़ास क्या है?

 हमारे पिछले पोस्ट में तो आपने transformer के बारे में अच्छी तरह से जान ही लिया है और उसके कामों को भी अच्छे तरह से जान लिया है लेकिन जैसा कि मैंने उस पोस्ट में बताया था कि transformer सिर्फ-और-सिर्फ AC पर ही काम करता है और सिर्फ-और-सिर्फ AC ही out करता है।

और DC के बारे में डिटेल्स के साथ जानने के लिए हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें

 तो फिर जैसा कि आपलोग समझते ही होंगे कि हमारे बहुत ही कम ऐसे काम हैं जो कि AC पर होते हैं, क्योंकि अधिकांश circuits में हमें सिर्फ DC की ही जरूरत पड़ती है। इसीलिए हमारे साथ एक समस्या ये आ जाती है कि आखिर हम transformer से out हुए AC current को DC में कैसे बदलें? तो दोस्तों, यहाँ मैं आपको बता देना चाहूँगा कि ये कोई बड़ी समस्या नहीं है। हरेक उपकरणों में ही AC को DC में convert किया जाता है। ऐसा कैसे किया जाता है चलिए जानते हैं? लेकिन आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बता देना चाहूँगा कि हमें बहुत सारे circuits में ऐसे काम के example मिल जायेंगे, लेकिन हम यहाँ पर सिर्फ एक simple से 12 volt की battery वाले charger के लिए ऐसा कैसे किया जायेगा बताएँगे, जो कि बाकि के सभी उपकरणों के लिए भी लागू होंगे।
तो दोस्तों, चलिए मान लेते हैं कि आपने 12 volt के एक transformer की help से उसके प्राइमरी क्वाइल के सिरे तक के सभी componants को सही से fit कर दिया है यानि कि आपने input वाले circuit को पूरा कर लिया है और अब आपको सिर्फ output वाले circuit पर काम करना बचा रह गया है। तो दोस्तों, यहाँ पर ज्यादा काम नहीं बचता है, यहाँ सिर्फ इतना करना होता है कि transformer के secondry सिरे से जो 12 volt के AC current मिल रहे होते हैं उसे सिर्फ हमें DC में convert करना होता है और फिर उसके बाद उसे filter करना होता है। यानि कि अब हमें सिर्फ 2 ही काम करने होते हैं। तो दोस्तों, चलिए सबसे पहले जानते हैं कि आखिर…….

AC को DC में कैसे convert किया जाता है?

AC को DC में convert करने के लिए जिस युक्ति का उपयोग किया जाता है उसे Rectifier ( रेक्टिफायर ) कहा जाता है। ये काम कम-से-कम 1 और ज्यादा-से-ज्यादा 4 Diodes ( डायोड्स ) के 
use से किया जाता है।






हालांकि कुछ विशेष circuit में इसके लिए 4 से भी ज्यादा diodes का इस्तेमाल देखा जा सकता है। लेकिन यहाँ पर हम सिर्फ 4 diodes के इस्तेमाल से बनने वाले रेक्टिफायर की ही बात करेंगे। अन्य तरह के rectifier और दूसरे componants के बारे में हम आगे के post में बताते रहेंगे लेकिन फिलहाल जितनी आवश्यक जानकारी होगी वो हम यहाँ भी जरूर बताएँगे। तो चलिए जानते हैं कि आखिर…..
4 diodes का Full Wave Bridge Rectifier कैसे बनाया जाता है और इसका use कैसे होता है?

सबसे पहले तो यहाँ बता देना चाहूँगा कि यदि आप एक अच्छा और मजबूत rectifier बनाना चाहते हैं तो कम-से-कम 5408 नंबर के diode का इस्तेमाल जरूर करें यदि ये आपके पास उपलब्ध न हों तो आप 4007  का भी इस्तेमाल वैकल्पिक तौर पर कर सकते हैं। 


1  सबसे पहले 4 diodes लें और उनके छोर को अच्छी तरह से रेती या ब्लेड से रगड़कर एकदम चमकीला बना दें ताकि उसपर लगे गंदगी हट जाए और सर्किट सही से काम करे।

2  जब आप चारों के सभी छोरों को अच्छी तरह से साफ़ कर लेंगे तो उसके बाद उससे 2 diode लें और दोनों के possetive यानि कि (+) वाले सिरे को या तो पिलाश की सहायता से अच्छी तरह से गाँठ बना दें, या फिर sholdering की help से अच्छे से उसपर sholder कर दें।


3  इसके बाद बाकी के दोनों बचे हुए diodes भी लें और इनके दोनों negative यानि कि (-) वाले सिरे को पहले के तरह ही आपस में जोड़ दें 
 


4  ये जो आपने बारी-बारी से (+) और (-) वाले सिरों को आपस में जोड़े हैं, यही आपके output DC वाले point होंगेलेकिन इनके connections उल्टे होंगे। यानि कि diode के (+) वाले joint से output DC का (-) लिया जायेगा और (-) वाले जॉइंट से आउटपुट DC का (+) लिया जायेगा।

5   इसके बाद आपको करना क्या है कि उन 2 diodes के जो 2 set उन्हें लेकर उनके एक-एक छोर को दूसरे set के किसी भी एक-एक छोर से पहले की ही तरह जोड़ देना है। और फिर इन्हीं दोनों points पर आपको transformer से निकले AC के secondry coil वाले तारों को जोड़ देना है, जिससे कि आपका रेक्टिफायर पूरा हो जायेगा और उन डायोड्स से AC करंट DC में convert होकर निकलने लगेगा।

 फिर जब आप इतना कर लेते हैं तो बारी आती है उस DC current को filter करने की, क्योंकि वो जो DC current डायोड से निकलता है वो शुद्ध नहीं होता है। और उसमें भी AC के कुछ अंश मौजूद होते हैं जिसे कि capasitor के द्वारा फ़िल्टर करके शुद्ध किया जाता है। तो चलिए दोस्तों, जानते हैं कि आखिर…..

विशुद्ध DC को capasitor के द्वारा filter करके शुद्ध DC में कैसे convert किया जाता है?

दोस्तों, अब जबकि आप विशुद्ध AC प्राप्त कर ही चुके हैं तो अब आपको बस एक अंतिम काम ये करना है कि उस output DC में एक capasitor को जोड़ देना है हमें कहाँ पर किस value के capasitor को जोड़ना होगा ये तो पूरी तरह से details में हम इसके ख़ास post में ही बता पायेंगे। लेकिन फिलहाल हम एक 12 volt के charger के लिए यदि बात करें तो उसके लिए हमें नीचे बताये गए कुछ बातों का ध्यान रखना होगा…..

1  Capasitor का volt    दोस्तों, आमतौर पर किसी भी चार्जर में उसके volt से 2 गुने वोल्ट के कैपेसिटर का कम-से-कम इस्तेमाल किया जाता है तो इस तरह से चूंकि हम 12 वोल्ट का चार्जर बना रहे हैं इसीलिए हमें capasitor 12*2  यानि कि 24 volt का इस्तेमाल करना होगा। लेकिन market में चूंकि 25 वोल्ट के कैपेसिटर मिलते हैं इसीलिए हम निस्संदेह इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन यदि कम volt का इस्तेमाल करेंगे तो उसके जल्दी ही फट जाने का डर रह जायेगा।
 


2  Capasitor की capisity यानि कि MFD    हम कितने Ampier ( एम्पियर ) का charger बना रहे हैं उसी बात पर कैपेसिटर की capasity depend करता है। आमतौर पर यदि हम 7.5 ampier वाले battery के लिए charger बनाते हैं तो उसमें कम-से-कम 1000 MFD यानि कि 1000 माइक्रो-फैराड का capasitor का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे ज्यादा जितने कैपेसिटी की चाहें इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कि कोई दिक्कत नहीं होगी। साथ ही एक बात ये भी है कि यदि हम बहुत ही ज्यादा ampier, मान लेते हैं कि 30 एम्पिएर की बैटरी वाले चार्जर बनाते हैं तो उसमें फिल्ट्रेशन की जरूरत ही नहीं पड़ती है। यानि कि उसके charger को आप बिना cpasitor के भी बना सकते हैं क्योंकि सामान्य तौर पर वो battery थोड़े-बहुत AC झटके सह भी लेते हैं और थोडा-बहुत खुद ही filter करने की क्षमता भी रखते हैं।

 
 3  Capasitor का negative (-) और posetive (+) पिन को उल्टा-सुलटा न लगायें    सबसे बड़ी बात ये है कि यदि हम charger में capasitor को गलत तरीके से यानि कि उल्टे पिन जोड़ देंगे तो वो उसी समय hit होने लगेगा और उसके अन्दर गैस बन जायेगा जिससे कि वो blast करके फट जाएगा। तो दोस्तों, इनके (+) और (-) पिन कि अच्छे से ध्यान रखकर इसे सेट करें।



Capasitor को charger में सही से कैसे लगायें?

1 1  सबसे पहले तो पता करें कि capasitor का कौन-सा पिन negative और कौन-सा posetive हैकैपेसिटर की निगेटिव पिन के तरफ एक लम्बी धारी बनी हुयी होती है जिसपर (-) लिखी हुयी होती है, जिससे कि आप उसके पिन को अच्छी तरह से पहचान सकते हैं।


2  इसके बाद आपने 4 diodes का जो rectifier बनाया था और उसके जिस (+) वाले point को आपने output DC के (-) से जोड़ा था उसी point पर इस capasitor का (-) वाला सिरा जोड़ दीजिये और इसके बाद इसी तरह से capasitor का (+) वाला सिरा भी जोड़ दें यानि कि कुल मिलकर आपको यहाँ ध्यान ये रखना है कि आपके output DC के जो connections होंगे वहीं पर आपको capasitor को जोड़ देना है, जिसमें कि उसके (+) और (-) भी same आउटपुट के (+) और (-) पर ही जोड़े जायेंगे।



                             शुद्ध सर्किट 

तो दोस्तों, उम्मीद है कि आप लोगों ने अब AC को DC में सफलतापूर्वक convert करके उसे filter कर लेने के बारे में भी अच्छे से समझ लिया होगा। यदि हमारे इस post से आपकी कुछ मदद हुयी होगी तो हमारे पोस्ट को Like और Share जरूर कीजियेगा।

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