Thursday 2 April 2020

स्टेबलाइजर क्या है और कौन-सा खरीदें।


             
                 स्टेबलाइजर क्या है और कौन-सा खरीदें। 

यदि आप अपने घर में टेलीविजन का उपयोग करते हैं तो आपके घर में स्टेबलाइजर जरूर होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर क्या होता है? क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर का काम क्या है और स्टेबलाइजर कितने प्रकार का होता है? क्या आप जानते हैं कि स्टेबलाइजर कैसे काम करता है? यदि नहीं जानते हैं तो हमारा ये पोस्ट जरूर पढ़ें। इस पोस्ट में आज हम स्टेबलाइजर की पूरी जानकारी हिंदी में देने जा रहे हैं।








स्टेबलाइजर  क्या है और इसका काम क्या है?
Voltage stabilizer एक ऐसा इलेक्ट्रिकल यंत्र (मशीन) है जिसके इस्तेमाल से अपने घर के बिजली के वोल्टेज पर कण्ट्रोल किया जा सकता है। स्टेबलाइजर की सहायता से लो वोल्टेज को हाई वोल्टेज  में और हाई वोल्टेज को low voltage में बदला जा सकता है।
आजकल लगभग सभी घरों में पंखे, LED TV, DTH इत्यादि के इस्तेमाल आम बात हो गए हैं। लेकिन सामान्य तौर पर हमारे घरों में इतने कम वोल्टेज होते हैं कि उतने वोल्टेज में इन उपकरणों को चला पाना मुश्किल होता है। यदि इतने कम वोल्टेज में इन उपकरणों का इस्तेमाल किया जाये तो इनके खराब होने की आशंका बढ़ जाती है। लेकिन इसके विपरीत, कहीं-कहीं तो जरूरत से इतने ज्यादा voltage होते हैं कि हमारे घर के उपकरण इतने हाई वोल्टेज को सहन नहीं कर पाते और जल जाते हैं।
यदि आप भी अपने घरों के बेतरतीब वोल्टेज की समस्या से परेशान हैं तो आपको भी एक स्टेबलाइजर खरीदने की जरूरत है। यदि आप low voltage की समस्या से परेशान हैं तो स्टेबलाइजर की सहायता से आप अपने घर के लो वोल्टेज को 2 गुना तक बढ़ा सकते हैं। लेकिन यदि आप over voltage की समस्या से परेशान हैं तो स्टेबलाइजर की सहायता से ही आप अपने घर के वोल्टेज को आधा तक कम भी कर सकते हैं।
वोल्टेज स्टेबलाइजर  कितने प्रकार का होता है?

हमारे घरों के वोल्टेज कभी भी एक समान नहीं रहता है और इसमें हमेशा ही उतार-चढ़ाव होते रहता है, तो ऐसे में जाहिर सी बात है कि इस स्थिति में स्टेबलाईजर के output voltage में भी हमारे घरों के original voltage के अनुपात में ही उतार-चढ़ाव जरूर आएगा।
तो सामान्यतः ऐसा भी हो जाता है कि कभी हमारे घरों में कम वोल्टेज रहता है और उस समय हम स्टेबलाईजर को इस तरह से adjust किये हुए होते हैं कि उससे हमें 220v ac प्राप्त होता है लेकिन ज्योंहि original voltage में वृद्धि होती है ठीक तभी स्टेबलाइजर का आउट वोल्टेज भी बढ़ जाता है और बढ़कर 220V से ज्यादा हो जाता है।
तो ऐसे में स्टेबलाइजर से जुड़े हुए सभी उपकरणों को जरूरत से ज्यादा सप्लाई मिलने लग जाता है जिस वजह से उनके जलने की संभावना बढ़ जाती है। हमारे इन्हीं समस्या को देखते हुए स्टेबलाईजर में output voltage को कम-ज्यादा करने का भी विकल्प दिया हुआ होता है और हमारे इसी जरूरत और इस्तेमाल के आधार पर स्टेबलाईजर भी निम्नलिखित 2 तरह के बनाये जाते हैं।
 Manual voltage stabilizer or Rotary switch stabilizer
मैन्युअल स्टेबलाईजर मार्केट में सबसे कम price में मिलता है। जब भी कभी हमारे घर के वोल्टेज में बढ़ोत्तरी होती है और स्टेबलाइजर के आउटपुट से ज्यादा वोल्टेज आने लगती है तब इसमें खुद ही ऑटो कट  हो जाता है और stabilizer में लगा हुआ red led अर्थात लाल बल्ब उठता है जिससे ये पता चलता है कि stabilizer में ऑटो कट   हो गया है।
ऑटो कट की स्थिति में स्टेबलाइजर से output supply मिलना खुद ही बंद हो जाता है और ऐसे में हमें स्टेबलाइजर के रोटरी स्विच वाले नॉब को घुमाकर voltage को कम करना पड़ता है तब जाकर इससे output supply मिलता है। लेकिन चूंकि इस स्टेबलाइजर के output voltage को हमें खुद से ही control करना होता है इसलिए इसे manual stabilizer कहा जाता है। साथ ही चूँकि इस स्टेबलाइजर में रोटरी स्विच लगा होता है इसलिए इसे रोटरी स्विच वाला स्टेबलाइजर भी कह सकते हैं।
 ऑटोमेटिक स्टेबलाइजर 
जब कभी हमारे घरों में एकाएक से ज्यादा supply आ जाती है तो ऐसे में Stabilizer से भी ज्यादा output suppy मिलने लगता है, लेकिन ये बात सिर्फ मैनुअल स्टेबलाइजर में ही होता है। Automatic stabilizer में इस तरह की कोई भी बात नहीं होती है। क्योंकि ऑटोमेटिक स्टेबलाइजर को इस तरह से बनाया जाता है कि इसका output voltage हमेशा ही एक-समान रहता है।
आमतौर पर किसी भी new automatic stabilizer में आउटपुट वोल्टेज लगभग 220v सेट किया होता है लेकिन आप अपनी जरूरत के अनुसार इसे कम या ज्यादा भी करा सकते हैं। चूंकि ये stabilizer खुद ही voltage को नियंत्रित करता है इसलिए इसे automatic stabilizer कहा जाता है।
चूँकि इस स्टेबलाइजर में अलग से आॅटोमेटिक सिस्टम वाला किट लगाया जाता है इसलिए ये स्टेबलाईजर manual stabilizer से थोड़ा-सा costly आता है लेकिन इसका इस्तेमाल उसके तुलना में बहुत ही आरामदायक और उपयोगकर्ता-फ्रेंडली होता है।
अपने घर के लिए कितने वाट्स का वोल्टेज स्टेबलाइजर  खरीदना चाहिए?

जिस तरह से किसी भी इंसान और मशीन के काम करने की एक क्षमता होती है ठीक उसी तरह से एक stabilizer के काम करने की भी एक क्षमता होती है। आप कितने उपकरण को अपने voltage stabilizer पर इस्तेमाल करना चाहते हैं उस हिसाब से calculate करके आपको stabilizer खरीदना पड़ता है।
Example के लिए, मान लीजिये कि यदि आप सिर्फ एक LED TV, Fan और एक DTH के लिए stabilizer खरीदना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले इन तीनों उपकरणों के watts को calculate कीजिये।
आमतौर पर इन तीनों उपकरणों का कुल वाटेज करीब 150 watts से भी कम होते हैं इसलिए आप मार्केट से 200 watt का एक रेडीमेड स्टेबलाइजर ले सकते हैं।
वैसे भी इससे कम वाट का स्टेबलाइजर मार्केट में मिलता भी नहीं है जिस वजह से कम जरूरत रहने पर भी आपको कम-से-कम 200w का stabilizer खरीदना ही पड़ेगा। यदि आपको लगता है कि आने वाले कुछ समय के बाद आप इसपर और भी कुछ उपकरणों के इस्तेमाल कर सकते हैं तो उस आधार से आप 300w या फिर इससे भी ज्यादा watts के stabilizer खरीद सकते हैं।
वोल्टेज स्टेबलाइजर खरीदते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान
जब भी हम बाजार से कोई सामान खरीदते हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखते हैं कि वो सामान उच्च गुणवत्ता वाला हो और लंबे समय तक उस सामान का इस्तेमाल किया जा सके।
ठीक इसी तरह से जब भी आप कोई stabilizer खरीदने जाएँ तो इस बात का ध्यान जरूर रखें कि उसमें इस्तेमाल किये गए सभी मटेरियल ठोस और टिकाऊ हो। इसके बाद जब आप सुनिश्चित हो जाएँ कि उसके सारे मटेरियल high quality के हैं तो भी आपको एक सबसे बड़ी बात का ध्यान रखना होगा।
दरअसल stabilizer का सबसे महत्तवपूर्ण अंग उसमें लगा हुआ ट्रांसफार्मर होता है और स्टेबलाइजर की गुणवत्ता को उसके transformer के गुणवत्ता से ही आँका जाता है। यदि ट्रांसफार्मर उच्च क्वालिटी के मटेरियल से तैयार किया हुआ न हो तो इस बात की कोई गारंटी नहीं कि वो कब जलकर खराब हो जाए।
आमतौर पर किसी भी transformer की गुणवत्ता उसमें इस्तेमाल किये गए कोर और क्वाईल पर ज्यादा निर्भर करता है। ट्रांसफार्मर बनाने में यदि इनमें से कोई भी सामान low quality का इस्तेमाल किया जाए तो वो जल्द ही खराब हो सकता है। आमतौर पर एल्युमीनियम के coil को low quality का माना जाता है और copper यानि तांबा के coil को transformer के लिए सही माना जाता है।
इसलिए जब भी मार्केट से कोई भी stabilizer खरीदने जाएँ तो इस बात को जरूर सुनिश्चित कर लें कि उसके ट्रांसफार्मर में Copper के coil का इस्तेमाल किया गया हो। हालांकि Aluminium coil के अपेक्षा Copper coil के ट्रांसफार्मर वाला stabilizer थोड़ा महंगा जरूर होता है लेकिन गुणवत्ता में ये उसके मुकाबले कई तक गुना अच्छा होता है।
स्टेबलाइजर से सम्बंधित सावधानी:-
एक बात का हमेशा ध्यान रहे कि इन छोटे-मोटे stabilizer पर कभी भी इलेक्ट्रिक आयरन का इस्तेमाल न करें। सामान्य तौर पर अब लगभग सभी घरों में automatic iron का इस्तेमाल किया जाता है जो कि 500w से से भी ज्यादा बिजली की खपत करता है।
ऐसे में यदि आप इसे 200 या 300 watts जैसे छोटे stabilizer से जोड़ देंगे तो आपका stabilizer पलभर में ही जलकर खराब और बेकार हो जायेगा। इसलिए यदि आप press iron के लिए stabilizer खरीदना चाहते हैं तो कम-से-कम 1000 watts यानी 1 KV का ही खरीदें।


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