Tuesday, 7 April 2020

इन्वर्टर क्या है और ये कितने प्रकार के होते है।


  
   इन्वर्टर क्या है और ये कितने प्रकार के होते है। 















इन्वर्टर के बारे में आपलोगों ने जरूर सुना होगा और आपमें से कुछ लोगों के घर में इन्वर्टर लगा हुआ भी होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्वर्टर क्या है, इन्वर्टर कितने प्रकार के होते हैं, इन्वर्टर क्या काम करता है, कैसे काम करता है?

इन्वर्टर क्या है।
 इन्वर्टर एक ऐसा इलेक्ट्रिक युक्ति (उपकरण) है जिसके उपयोग से हम DC करंट को AC करंट में बदल सकते हैं और AC करंट को DC करंट में भी बदल सकते हैं।

या फिर आम भाषा में कहें तो, हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाला इन्वर्टर एक ऐसा उपकरण है जिससे हम बैटरी की सहायता से बिजली पैदा कर सकते हैं और मेन बिजली आने पर उस बैटरी को चार्ज भी कर सकते हैं।

इन्वर्टर की जरूरत हमें क्यों पड़ती है?
अक्सर हमारे यहाँ घरों में बिजली गुल रहती है और ऐसे में हम बिजली पर चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। अक्सर बिजली कट जाने के बाद हमें अपने घरों में या तो दीये जलाने पड़ते हैं या फिर इमरजेंसी लाइट का उपयोग करना पड़ता है।



लेकिन यदि आप चाहते हैं कि बिजली कट जाने के बाद भी आपके घर में बिजली का बल्ब जल सके, पंखा चल सके और साथ ही अन्य जरूरी के उपकरण भी चल सके तो ऐसे में आपको एक इन्वर्टर खरीदने की जरूरत पड़ेगी।

 इन्वर्टर के कितने भाग होते हैं?
जिस तरह से आपके मोबाइल में स्क्रीन अलग होता है, बैटरी अलग होता है, सिम कार्ड अलग होता है, ठीक उसी तरह से इन्वर्टर के भी मुख्य 2 पार्ट होते हैं जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं।

बैटरी इन्वर्टर में बैटरी का क्या काम है?
बैटरी किसी भी इन्वर्टर का पावर source होता है। इन्वर्टर से आपको जो आउटपुट बिजली मिलती है उसके लिए जरूरी उर्जा बैटरी से ही ली जाती है। आपको अपने घर के लोड के हिसाब से जरूरी एम्पियर का बैटरी खरीदना होता है।

 UPS  इन्वर्टर में UPS का क्या काम है?
UPS का फुल फॉर्म “Uninterruptible Power Supply” होता है और यूपीएस को हिंदी में अबाधित विद्युत आपूर्तिकहते हैं। इसका काम बैटरी के DC करंट को AC पॉवर सप्लाई में बदलना होता है। और AC करंट को DC करंट में बदलना होता है।



सिंपल शब्दों में कहें तो, यूपीएस का काम बिजली के अनुपस्थिति में बैटरी के सप्लाई को बिजली सप्लाई में बदलने और बिजली सप्लाई से उसी बैटरी को चार्ज करने का होता है। आपके बैटरी के एम्पियर के हिसाब से यूपीएस खरीदना होता है।




















 इन्वर्टर कितने प्रकार के होते हैं?
जिस तरह से मोबाइल, टेलीविज़न इत्यादि बहुत प्रकार के होते हैं ठीक उसी तरह से इन्वर्टर भी 2 प्रकार के होते हैं जिनके बारे में हम नीचे बताने जा रहे हैं।

 पॉवर इन्वर्टर क्या है?
जिस इन्वर्टर में बैटरी को चार्ज करने के लिए हम बिजली के मेन सप्लाई का उपयोग करते हैं उसे पॉवर इन्वर्टर कहा जाता है। Power इन्वर्टर भी निम्नलिखित 2 प्रकार का होता है
Modified Sine Wave इन्वर्टर
मॉडिफाइड साइन वेव इन्वर्टर एक सिंपल इनवर्टर होता है जिसमें कम सर्किट लगा होता है जिस वजह से ये सस्ता होता है। लेकिन कम सर्किट इस्तेमाल होने की वजह से ये इन्वर्टर ज्यादा बिजली और बैटरी की खपत करता है और इसका कार्य-क्षमता भी सही नहीं होता है।

Pure Sine Wave इन्वर्टर
प्योर साइन वेव इन्वर्टर में उच्चतम क्वालिटी का और बहुत सारे प्रकार के सर्किट लगाया जाता है जिस वजह से ये मॉडिफाइड वाले इन्वर्टर से थोड़ा महंगा होता है। लेकिन इस इन्वर्टर में जो एक्स्ट्रा सर्किट लगाये जाते हैं उसकी वजह से इसकी कार्य-क्षमता बहुत ही बेहतरीन होती है और काम करने के दौरान ये कम-से-कम ऊर्जा की खपत करता है।

  सोलर इन्वर्टर
जिस इन्वर्टर में बैटरी को चार्ज करने के लिए सूर्य की किरणों का उपयोग किया जाता है उसे सोलर इन्वर्टर कहा जाता है।

सोलर इन्वर्टर को चार्ज करने के लिए सोलर प्लेट की जरूरत होती है जो कि बहुत महंगा होता है। यदि आपके एरिया में बिजली बहुत ज्यादा समय तक गुल रहती है तो आप सोलर इन्वर्टर खरीद सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे क्योंकि इसके लिए इस्तेमाल होने वाले सोलर प्लेट बहुत ही महंगा आता है।

हालाँकि इस इन्वर्टर के बैटरी को चार्ज करने के लिए आपको बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन चूँकि सोलर प्लेट सिर्फ दिन में सूर्य की रोशनी में ही काम कर सकता है इसलिए सोलर solar इन्वर्टर में आपको मेन बिजली सप्लाई से चार्ज करने का भी विकल्प होता है और यदि आप चाहें तो इसे बिजली से भी चार्ज कर सकते हैं।

एक बात का ध्यान रहे कि, सोलर इन्वर्टर के लिए अलग से सोलर इन्वर्टर और सोलर बैटरी आता है और हम बिजली वाले इन्वर्टर या बैटरी पर इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।

 इन्वर्टर कैसे काम करता है?
इन्वर्टर चार्जिंग और डिस्चार्जिंग के नियम पर काम करता है। जैसा कि हम parts of इन्वर्टर में बता चुके हैं कि इन्वर्टर या UPS बिजली की अनुपस्थिति में बैटरी के एनर्जी का उपयोग करके उसे एसी सप्लाई में बदलता है और जब बिजली आ जाता है तब वो बैटरी को चार्ज करने लग जाता है।

बैटरी को चार्ज करने के दौरान इन्वर्टर आउटपुट सप्लाई को बाईपास कर देता है। अर्थात चार्जिंग के दौरान आपके घर का सारा लोड आपके मेन सप्लाई पर चला जाता है जिससे बैटरी पर लोड खत्म हो जाता है और वो तेजी से चार्ज होने लगता है और इससे बैटरी की लाइफ भी बढती है।


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