फ़ैन में कैपेसिटर की
वायरिंग कैसे की जाती है?
बहुत बार ऐसा होता है कि अच्छी voltage
रहने के बावजूद भी हमारे घर के
पंखे सही से काम नहीं करते हैं और पहले की अपेक्षा उनकी speed
काफी कम जाती हैं। कई बार तो ऐसा
भी होता है कि वो बिल्कुल भी नहीं चलता। हालांकि, यदि बात करें एक ceiling
फ़ैन की तो ऐसी समस्या के कई वजह हो सकते हैं
जिनमें से एक वजह है फ़ैन कैपेसिटर या फ़ैन condenser का खराब हो जाना।
यदि आपके पंखे का कैपेसिटर खराब
हो जाए और यदि आप उसे किसी electrical mechanic से जांच करवाएंगे तो वो आपसे 100 रूपये तक वसूल सकते हैं जबकि यदि आप चाहें तो
सिर्फ 20 या 30 रूपये में
कैपेसिटर खरीदकर खुद से ही पंखे को सही कर सकते हैं। लेकिन यदि कोई लोग ऐसा नहीं करते
हैं तो इसकी सबसे बड़ी वजह ये होती है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं होती है कि फ़ैन कैपेसिटर को कैसे बदला जाता है।
यदि आपके साथ भी ऐसी ही समस्या
है तो समझ लीजिये कि अब वो problem ख़त्म होने जा रही है। आज इस post
में हम बताने जा रहे हैं कि किसी
भी पंखे के कैपेसिटर खराब होने पर उसे कैसे बदला जाता है और उसका कनैक्शन कैसे किया जाता है? लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि हम जो तरीका
बताने जा रहे हैं वो सभी तरह के पंखे के लिए सही है, लेकिन हम आपको ज्यादा अच्छे से समझा पाएं, इस वजह से हम ये मान कर चलेंगे कि हमें ये
काम ceiling फ़ैन में करना है।
पंखे में कैपेसिटर के खराब होने की checking कैसे करें?
सबसे पहले तो बिजली बोर्ड से
अपने फ़ैन कनैक्शन को अच्छी तरह से और सावधानीपूर्वक हटा दें।
इसके बाद छत के हुक से लगे हुए उसके नट-वोल्टस को खोलकर पंखे को नीचे उतार लें। अब
सबसे पहले DC tester या multimeter से इसके coil की जांच कर लें।
जब sure
को जायें कि coil
पूरी तरह से सही है तो पंखे के
सभी blades अर्थात
पंखी को उससे निकाल दें। इसके बाद पंखे को हाथ से घुमाकर देखें कि कहीं जाम होने
की वजह से तो उसे चलने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। यदि इसमें जाम की समस्या भी
नहीं है तो ऐसा भी हो सकता है कि कहीं पंखे तक current ही नहीं पहुँच रहा होगा।
इसलिए जिस तार से पंखा जुड़ा हुआ
था पहले उस तार में कोई बल्ब लगाकर चेक कर लें। बल्ब यदि यहाँ पर न जले तो इसका
मतलब ये होगा कि पंखे तक currrent ही नहीं पहुँच रहा था लेकिन यदि बल्ब जल जाये
तब पंखे का कैपेसिटर ही खराब माना जायेगा। यदि आप चाहें तो ये testing
पहले भी कर सकते हैं।
फ़ैन
कैपेसिटर का कनैक्शन कैसे किया जाता है?
किसी भी ceiling
फ़ैन के coil से 3 या 4 कनैक्शन वाइर निकले हुए होते हैं और हमें इन्हीं में कैपेसिटर और power supply का कनैक्शन करना होता है। लेकिन जिन लोगों को ये कनेक्शन
करने की जानकारी नहीं होती है वो confuse हो जाते हैं कि किस वाइर में
कैपेसिटर लगाना होगा और किस वाइर में suppy का input
दिया जायेगा।
लेकिन आपको बता दें कि ये कोई
बहुत बड़ी समस्या नहीं है। यदि आप हमारे बताये गए तरीके से पंखे में कैपेसिटर लगायेंगे तो आपको कोई भी समस्या नहीं आएगी और
आप बड़े ही आराम से ये काम कर पाएंगे।
लेकिन जैसा कि आप जानते ही हैं
कि किसी ceiling फ़ैन के coil से 3 वाइर निकले होते हैं तो किसी में से 4 वाइर. हालांकि, इन दोनों
का कनैक्शन समान तरीके से ही किया जाता है लेकिन इनमें थोडा बहुत difference
भी है। इसलिए आपको अच्छे से समझा
पाऊं, इसके लिए
सबसे पहले चलिए हम 4 कनैक्शन वाइर वाले पंखे
में कैपेसिटर लगाने के बारे में जानते हैं।
सबसे पहले इस बात का पता लगायें
कि Ceiling फ़ैन से निकले हुए 4 कनैक्शन वाइरs में से कौन-सा 2 वाइर ऊपर के coil
का है और कौन सा 2 वाइर नीचे के coil का है। सामान्य तौर पर ऊपर वाले coil
के दोनों वाइर का के इन्सुलेटर का colour Red (लाल) होगा जबकि नीचे वाले दोनों वाइर के insulator का कलर black (काला) होगा। लेकिन यदि आपके पंखे में किसी अलग रंग
का तार लगा होगा तो आप पहले ये कन्फर्म हो जाएँ और तब मान कर चलें कि लाल वाला
वायर ऊपर का है और काला वाला नीचे का है।
अब सबसे पहले तो उन 4 तारों में से कोई भी एक लाल और एक काला वाइर लें और इन दोनों को आपस में जोड़ दें। ये जो 2 वायर का एक कनैक्शन बनेगा, यही कनेक्शन पंखे के coil की बाइंडिंग करते समय ही अन्दर से ही जोड़कर दोनों के बदले में एक ही कनैक्शन वाइर बाहर निकाल दिया जाता है जिससे कि लोग confuse
हो जाते हैं।
तो अब आपके पास सिर्फ 3 वाइर ही हैं जिनमें आपको input
supply और कैपेसिटर दोनों को connect करना है। लेकिन इससे पहले कि इसमें कुछ connect
करें, आपको बता दें कि 3 कनैक्शन वाइर निकले हुए पंखे में भी इसी तरह से कनैक्शन किया जायेगा जिस तरह से इतना कुछ कर लेने के
बाद 4 कनैक्शन वाइर वाले पंखे में किया जाना है।
तो चलिए सबसे पहले हम इन दोनों
ही तरह पंखे के कनैक्शन वाइर को आपस
में compare कर लेते
हैं ताकि आप एक ही बार में सभी तरह के ceiling फ़ैन में आसानी से कैपेसिटर का कनैक्शन कर सकें।
4 कनैक्शन वाइर वाले सीलिंग
फैन को 3 कनैक्शन वाइर वाले सीलिंग फैन जैसा कैसे बनाएं?
जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि 4 कनैक्शन वाइर निकले हुए पंखे में ऊपर वाले coil
के दोनों वायर लाल और नीचे वाले coil
के दोनों वाइर काला होते हैं। लेकिन 3 कनैक्शन वाइर वाले पंखे से निकले हुए वाइर में से common वाला वाइर लाल होता है और बाकी के ऊपर वाले coil
का एक वाइर काला होता है जबकि नीचे वाले coil
का एक वाइर green
(हरा) होता है। तो ऐसे में सबसे जरूरी बात ये है कि
पहले हम इन दोनों के कनैक्शन वाइर को compare
करके अच्छी तरह से समझ लें।
ऊपर के image
में आप देख सकते हैं कि किस तरह
से हमने 4 कनैक्शन वाइर में से 2 को आपस में जोड़कर उन्हें 3 कनैक्शन वाइर वाले पंखे जैसा बना दिया है। अब आपको कुछ भी
नहीं करना है, सबसे पहले
तो आपने काला और लाल रंग के जिस वाइर को आपने जोड़ा है उसे अब सिर्फ लाल वायर मान
लें। इसके बाद बाकि के बचे एक लाल वाइर को लाल के बजाये काला मान लें। और फिर बचे
हुए एक काला वायर को काला के बजाये हरा मान लें।
ऐसा इसलिए क्योंकि 3 वाइर वाले पंखे से जो वायर निकला होता है वो इसी
तरह से अन्दर से ही compare कर लिया जाता है और तब बाहर इसी 3 कलर के वायर को निकाल दिया जाता है। इसलिए, जब आप इतना कुछ मान लेंगे तो इसका मतलब ये
हुआ कि अब आपके पास 4 नहीं बल्कि 3 वायर वाला
पंखा ही है जिसमें आप नीचे image में दिखाए गए तरीके से कैपेसिटर लगा सकते हैं।
ऊपर के चित्र में आप देख सकते
हैं कि 3 वायर वाले
पंखे में किस तरह से अंदर से ही 2 coil को एक साथ जोड़ दिया गया है और बाहर सिर्फ 3 ही कनैक्शन वाइर निकाला गया है। और साथ ही ये भी देख सकते हैं
कि किस तरह से पंखे में कैपेसिटर का कनैक्शन किया गया है और किस तरह से उसमें supply
दिया गया है।
सबसे पहले तो ऊपर और नीचे के coil
से जो common
वाइर निकाला गया है उसे direct
इनपुट current
से जोड़ा जायेगा। इसके बाद बाकि
के दोनों वाइर से कैपेसिटर को जोड़ दिया जायेगा। और तब इसके बाद कैपेसिटर से जुड़े ऊपर वाले coil
के वाइर को सप्लाई दिया जायेगा। बस इसके बाद आपका कनैक्शन पूरा हो जायेगा और तब आप इसे कसकर अपने छत से
लटकाकर इसका कनैक्शन बोर्ड से कर सकते हैं।
कैपेसिटर कनैक्शन करने के बाद पंखा
उल्टा घूमने लगे तो क्या करें?
बहुत बार ऐसा देखा गया है कि जब
पंखे में नए तरीके से कैपेसिटर का कनैक्शन किया जाता है तब लोग coil
से निकले वाइर को उल्टा-पुल्टा कर देते हैं। तो इस हालत में
पंखा उलटी दिशा में घूमने लग जाता है और हवा का पता ही नहीं चलता है। यदि आपके साथ
भी ऐसा ही हो तो बिल्कुल भी न घबराएं। ये दिक्कत सिर्फ एक छोटी सी बात की वजह से
होती है जिसे कि आप सिर्फ एक काम करके सही कर सकते हैं।
इसके लिए पंखे के कैपेसिटर के जिस तार में आपने supply
दिया था उस तार से supply
हटाकर कैपेसिटर के दुसरे तार पर सप्लाई दे दें। ध्यान रहे, आपको कैपेसिटर के दोनों वायर के सिर्फ आपस में जगह बदल देना
है, लेकिन
साथ-ही-साथ ये भी ध्यान रखें कि ऐसा करने पर उस कैपेसिटर से जुड़े हुए पंखे के coil
के वाइर पहले की ही भाँति जुडी हुई होनी चाहिए। इस
बात को आप नीचे के image से भी अच्छी तरह से समझ सकते हैं।
उम्मीद है कि अब आपकी ये समस्या
भी दूर हो गयी होगी। तो, चलिए अब जानते हैं उन बातों के जरूरी बारे में जिनका आपको इस पूरे process
के दौरान ख्याल रखना बहुत ही
जरूरी है।
पंखा में कैपेसिटर का कनैक्शन करते समय ध्यान रखने वाली
जरूरी बातें?
1.
पंखे में
कुछ भी changing करने से
पहले इसके supply को पूरी
तरह से हटा दें ताकि गलती से कहीं आपको करंट न लग जाये।
2.
Ceiling फ़ैन में कुछ भी करने से पहले उसे छत से उतार लें
और नीचे आराम से इसपर काम करें।
3.
ये कनैक्शन हमने सुविधा के लिए ceiling
फ़ैन पर बताया है, लेकिन बाकी के पंखे जैसे Stand
फ़ैन में भी ठीक इसी तरह से कनैक्शन किया जाता है और हमने यहाँ जो भी बताया है वो
बातें स्टैंड फैन पर भी लागू होती हैं।
4.
कैपेसिटर बदलने के लिए ceiling फ़ैन का blade (पंखी) जरूर निकाल दें ताकि छत से बिना लटकाए
बाद में इसकी testing करने में
आपको सहूलियत हो।
5.
ध्यान रहे, आपको सिर्फ पंखी को खोलना है, बाकि के किसी भी नट-वोल्टस को बेवजह न खोलें।
यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
6.
जब भी
पंखे में लगाने के लिए market से फ़ैन कैपेसिटर खरीदने जाएँ तो इससे पहले अपने पंखे में पहले
से लगे कैपेसिटर की value देखना न भूलें। यदि आपके पंखे में पहले से 2.25
mfd का कैपेसिटर लगा है तो आप ज्यादा से ज्यादा 2.50
mfd का कैपेसिटर लगा सकते हैं। और यदि 3.15
mfd का कैपेसिटर लगा हुआ है तो आपको इसी value
का कैपेसिटर खरीदना पड़ेगा। ऐसा क्यों, इस बारे में details जानने के लिए आप हमारा पंखे में गलत value का
कैपेसिटर लगाने से क्या नुकसान होता है पोस्ट पढ़ सकते हैं।
7.
फ़ैन कैपेसिटर में (+) और (-) नहीं होता है। इसे उल्टा-सीधा
किसी भी तरह से लगाया जा सकता है।
8.
कैपेसिटर (कैपेसिटर) को Condenser (कंडेंसर) भी कहा जाता है।
9.
जब फ़ैन कैपेसिटर कनैक्शन किया हुआ हो जाए तो छत में लटकाने से पहले
उसे चलाकर चेक जरूर कर लें। यदि उल्टा घूमे तो पहले ऊपर बताये गए तरीके से इसे सही
करें और तभी इसे छत से लटकाएं।
आपको हमारी ये जानकारी कैसी लगी
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